जय जिनेन्द्र सा
भक्ति का दीप जले, ज्योति अखण्ड चले
भक्ति का दीप जले, ज्योति अखण्ड चले
अदभुत् देव है, सिद्ध सयोंगी, आशीष सबको मिले..
भक्ति का दीप जले..
पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण सारे जगत में फिरे..
भक्ति का दीप जले..
विश्व में ख्याति, सूरज की भाँति, आँखों में तेज मिले..
भक्ति का दीप जले..
जय जय करते नर नारी सब भैरू के चरण पड़े..
भक्ति का दीप जले..
कहे मोहन सभी भक्त भैरू के भाव से जाप करे..
भक्ति का दीप जले..
अम्बिका नन्द को वन्दन करते विपति सारी टले..
भक्ति का डीप जले..
भक्ति का दीप जले, ज्योति अखण्ड चले ।
बोलिये साँचा देव नाकोड़ा भैरवनाथ की जय ।
भक्ति का दीप जले..
पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण सारे जगत में फिरे..
भक्ति का दीप जले..
विश्व में ख्याति, सूरज की भाँति, आँखों में तेज मिले..
भक्ति का दीप जले..
जय जय करते नर नारी सब भैरू के चरण पड़े..
भक्ति का दीप जले..
कहे मोहन सभी भक्त भैरू के भाव से जाप करे..
भक्ति का दीप जले..
अम्बिका नन्द को वन्दन करते विपति सारी टले..
भक्ति का डीप जले..
भक्ति का दीप जले, ज्योति अखण्ड चले ।
बोलिये साँचा देव नाकोड़ा भैरवनाथ की जय ।